डोनेट लाइफ अब तक अंगों का दान कर देश-विदेश के कुल एक हजार व्यक्तियों को नया जीवन देने में सफल
सूरत। हिंदू तलपड़ा कोली पटेल समाज के ब्रेन डेड 24 साल के शेशव गिरीशभाई पटेल के परिवार ने डोनेट लाइफ के जरिए शेशव का दिल, फेफड़े, लिवर, किडनी और आंखें सात लोगों को दान कर समाज को एक नई दिशा दिखाई।
सूरत के महावीर अस्पताल में कोसंबा के एक 22 वर्षीय व्यक्ति का हृदय प्रत्यारोपण किया गया, अहमदाबाद के केडी अस्पताल में अहमदाबाद की एक 40 वर्षीय महिला के फेफड़े का प्रत्यारोपण किया गया। अहमदाबाद के जायडस अस्पताल में लिवर ट्रांसप्लांट किया गया। जबकि दोनों किडनी का ट्रांसप्लांट अहमदाबाद के अस्पताल में किया जाएगा।
सूरत के महावीर अस्पताल से फेफड़े, लिवर और किडनी को अहमदाबाद के केडी अस्पताल और जायडस अस्पताल तक समय पर पहुंचाने के लिए सूरत सिटी पुलिस द्वारा तीन ग्रीन कॉरिडोर का निर्माण किया गया था। डोनेट लाइफ संस्था अब तक विभिन्न अंगों का दान कर देश-विदेश के कुल एक हजार व्यक्तियों को नया जीवन देने में सफल हुई है।
बुलेट स्लिप हुई और जान चली गई
24 साल का रहने वाला मैकेनिकल इंजीनियर शैशव खेती कर रहा था। 13 मार्च की रात 8:30 बजे जब वह अपनी बुलेट पर सुनेव गांव से अपने गांव हाजत जा रहा था तो तरिया बस स्टैंड साजोद के पास उसकी बुलेट फिसल गई, वह बुलेट से नीचे गिर पड़ा और सिर में गंभीर चोट लगने से बेहोश हो गया। परिजन ने उसे तुरंत अंकलेश्वर के जयाबेन मोदी अस्पताल में भर्ती कराया। निदान के लिए सीटी स्कैन किया गया और ब्रेन हेमरेज और ब्रेन सूजन का निदान किया गया। परिजन रात साढ़े 11 बजे सूरत के एम्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में आगे के इलाज के लिए ले गए। न्यूरोसर्जन डॉ. हितेश चित्रादा के उपचार में भर्ती कर इलाज शुरू किया गया। दिमाग में सूजन अधिक होने के कारण डॉक्टर ने ऑपरेशन की सलाह दी, लेकिन ऑपरेशन से पहले इलाज के दौरान 15 मार्च को दोपहर 2:00 बजे शिशव का दिल रुक गया और सीपीआर (हृदय की मालिश) देकर दिल को फिर से चालू किया गया। फिर उनकी तबीयत खराब हो गई। 17 मार्च को न्यूरोसर्जन डॉ. मौलिक पटेल, चिकित्सक डॉ. राजेश रमानी, हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. रीतेश वेकरिया और चिकित्सा अधिकारी डॉ. दक्ष कटारिया ने ब्रेन डेड घोषित कर दिया।
शैशव की मां मनीषाबेन ने अपने दिल पर पत्थर रखकर रोते हुए कहा...
वलिया के पुलिस इंस्पेक्टर करण सिंह चुडासमां और शैशव की बहन निधि ने फोन से डोनेट लाइफ के संस्थापक और अध्यक्ष नीलेश मांडलेवाला से संपर्क किया और शैशव के ब्रेन डेड होने की जानकारी दी और अंगदान करने की इच्छा जताई। डोनेट लाइफ की टीम अस्पताल पहुंची और शिशव के पिता गिरीशभाई,मां मनीषाबेन,बहन निधि और परिवार के अन्य सदस्यों को अंगदान की पूरी प्रक्रिया समझाई और उन्हें बताया कि शिशव चिकित्सकीय रूप से ब्रेन डेड था,लेकिन ब्रेन डेड घोषित करने के लिए,एक अस्पताल की ब्रेन स्टेम डेथ डिक्लेरेशन कमेटी ने एपनिया टेस्ट कराया था, जिसमें मरीज को ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया था,लेकिन शैशव के इलेक्ट्रोलाइट्स सामान्य नहीं होने के कारण एपनिया टेस्ट नहीं किया जा सकता था। इलेक्ट्रोलाइट्स के सामान्य होने और एपनिया के दोनों टेस्ट पॉजिटिव आने के बाद ही अंगदान किया जा सकता है। तब शैशव की मां मनीषाबेन ने अपने दिल पर पत्थर रखकर रोते हुए कहा कि हमारा बेटा क्लिनिकली ब्रेन डेड है,उसकी सभी रिपोर्ट नॉर्मल आने के बाद उसे ब्रेन डेड घोषित करने के लिए जरूरी टेस्ट कराने के बाद सभी अंग दान कर दें। दान किया जा सकता है। यदि शरीर राख में बदलने वाला है तो अंगदान करने से किसी के चाहने वालों को नया जीवन मिलेगा। शैशव के इलेक्ट्रोलाइट्स के सामान्य होने और एपनिया के दोनों टेस्ट पॉजिटिव आने के बाद अंगदान के लिए सहमति दी गई। । शैशव के परिवार में उनके माता-पिता खेती के व्यवसाय से जुड़े हैं, बहन निधि दहेज में दीपक फाउंडेशन नामक संस्था में काउंसलर के रूप में काम करती हैं।
इन को मिला नया जीवन
एम्स अस्पताल से महावीर अस्पताल तक 13 किमी की दूरी 15 मिनट में तय करते हुए कोसांबा निवासी 22 वर्षीय युवक में दान किया गया हृदय महावीर अस्पताल में डॉ. अन्वय मुले और डॉ.जगदीश मांगे व उनकी टीम ने प्रत्यारोपण किया।एम्स अस्पताल से केडी अस्पताल,अहमदाबाद तक की 276 किलोमीटर की दूरी 100 मिनट में तय कि गई और दान किए गए फेफड़े को अहमदाबाद के 40 वर्षीय निवासी महिला में डॉ.संदीप अटावर और उनकी टीम द्वारा किया गया। अहमदाबाद निवासी 64 वर्षीय व्यक्ति में द्वारा ज़ाइडस अस्पताल, अहमदाबाद में दान से प्राप्त लीवर का प्रत्यारोपण किया गया। अहमदाबाद के अस्पताल में दो जरूरतमंद मरीजों में दोनों किडनी का प्रत्यारोपण किया जाएगा।
तीन ग्रीन कॉरिडोर बनाए
सूरत सिटी पुलिस ने अहमदाबाद के महावीर अस्पताल, फेफड़े, लिवर और किडनी को समय पर पहुंचाने के लिए तीन ग्रीन कॉरिडोर बनाए थे।गौरतलब है कि देश के विभिन्न शहरों में हृदय, फेफड़े, हाथ, लीवर और किडनी जैसे महत्वपूर्ण अंगों को समय पर पहुंचाने के लिए सूरत शहर पुलिस द्वारा अब तक 93 ग्रीन कॉरिडोर का निर्माण किया जा चुका है। हम सूरत पुलिस का भी इस दान में हमेशा सहयोग करने के लिए हृदय से धन्यवाद व्यक्त करते हैं।